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*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🌹🙏🌹 ‎#जय__श्री__राम_ ‏🌹🙏🌹🙏🙏#जय__जय__सिया__राम_🙏🙏⛳⛳#जय_पवनपुत्र_हनुमान_ ⛳⛳ *🛕राम राम🚩राम राम🛕* *🛕││राम││🛕* *🛕राम🛕* * ‏🛕*🌞जय श्री सीताराम सादर सुप्रभात जी 🌞┈┉┅━❀꧁🙏"जय श्री राम"🙏 ꧂❀━┅┉┈🌹🌹राम रामेति रामेति, ‏रमे रामे मनोरमे ।सहस्रनाम तत्तुल्यं, ‏रामनाम वरानने ॥🌹🌹 ‎●▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬●✒🌹🌹रावण का ज्ञान......🌹🌹✒भगवान राम के तीखे बाणों सेदशानन धराशायी हो गया।भगवान जानते थे कि एक महा ज्ञानी, ‏पंडित औरराजनीतिज्ञ आज संसार से जा रहा है।उन्होंने लक्ष्मण से कहा किरावण अपनी अंतिम साँसें गिन रहा है।तुम जाओ,उससे कुछ ज्ञान की बात सीखकर आओ।🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹लक्ष्मण जाकर ज्ञानोपदेश के लिएरावण से निवेदन किया।रावण ने कहा ‎--'राम तो त्रिलोक के स्वामी हैं,सर्वज्ञ हैं।वे क्या नहीं जानते हैं?फिर भी यदि इस दास से कुछ सुनना चाहते हैंतो पहले मुझे मेरे अंत समय मेंदर्शन देने की कृपा करें,तब मैं कुछ सुनाऊँगा।'🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹श्री राम रावण के सम्मुख गए।तब रावण ने कहा—'प्रभु! ‏ये मेरा अंतिम समय है।रक्त के प्रवाह के कारण ज्यादा कुछकहना पाना कठिन है।फिर भी कुछ सुनाता हूँ।'🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹रावण ने आगे कहा—हे राम!मनुष्य को यदि कोई शुभ कर्म करने कीइच्छा हो जाए तो उसे शीघ्र ही कर लेना चाहिए औरयदि कोई अशुभ कर्म करने की इच्छा हो जाए तोउसे टालते-टालते टाल ही देना चाहिए।मैं कोई पढ़ी- ‏सुनी बात नहीं कहता हूँ, ‏🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹अपने जीवन के अनुभव से जोमैंने सीखा है,वही कह रहा हूँ।एक बार मैं नरक की ओर से गुजर रहा था।वहाँ मैंने देखा कि जीवो को बहुत दुःख दिया जाता है।मेरे मन में आया किमैं धरती से स्वर्ग तक सीढ़ी लगा दूँताकि सभी जीव आसानी से स्वर्ग जा सके,किसी को नरक जाना ही नहीं पड़े।🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹समुद्र के खारे जल को देखकर मेरे मन में आया किक्यों ना इस अपेय जल को उलीच दूँ औरसमुद्र में दूध, ‏घी, ‏मक्खन आदि भर दूँ।इससे लोगों को बहुत सुविधा हो जाएगी।मेरी लंका सोने की है, ‏पर मैं सोचा करता था कियदि सोना में सुगंध भी हो जाए तो कितना अच्छा होगा! ‏🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹मैं सोना में सुगंध भर देना चाहता था।देव, ‏दानव, ‏यक्ष, ‏गंधर्व यहाँ तक की इंद्र, ‏ब्रह्मा औरविश्वकर्मा भी मेरे अधीन थे।मेरे लिए ये सब करना कोई बड़ी बात नहीं थी,पर मैं आजकल कहकर टालते चला गया।सोचा करता था कि इन कार्यों को कभी कर लूँगा।ये मुझसे बड़ी गलती हुई।अब हमारे पास इन्हें पूर्ण करने कासमय ही नहीं बचा है।🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹दूसरी तरफ एक बार मेंआकाश मार्ग से गुजर रहा था तोमैंने जंगल में एक सुंदरी स्त्री को देखा।उसे देखकर मेरे मन में कुविचार उत्पन्न हुआ किइस सुंदरी को भी अपनी पत्नी बनाऊँगा।हे राम! ‏मैं जानता थाकि पराई स्त्री पर बुरी नजर डालना पाप है,लेकिन मैं अपने आप को रोक ना सका औरमैंने आपकी भार्या का अपहरण कर लिया। 🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹यदि मैं अपने उस कुविचार को उस दिन रोक पाता तोआज यह बुरा दिन देखना नहीं पड़ता।इसलिए मैंने कहा कि शुभ कर्म कोशीघ्र कर लेना चाहिए औरअशुभ कर्म को सदा के लिए टाल देना चाहिए,तभी जीवन में कल्याण संभव है।🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹अपने शत्रु को कभी अपने सेछोटा नहीं समझना चाहिए।पर, ‏मैं यह भूल कर गया।मैंने न केवल हनुमान को छोटा समझा बल्किमनुष्य को भी छोटा समझा।मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान माँगा थातब मनुष्य और वानर के अतिरिक्तकोई मेरा वध न कर सके ऐसा कहा था,🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹क्योंकि मैं मनुष्य और वानर कोतुच्छ समझता था। ये मेरी गलती थी।रावण ने अंतिम बात ये बताई किअपने जीवन का कोई राज हो तोउसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए।यहाँ भी मुझसे गलती हुई।🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹मैंने अपनी मृत्यु का राजअपने भाई विभीषण को बताया,मेरी नाभि में स्तिथ अमृत कुंड काराज खुलने के बाद ही उसकी मृत्यु हुईजो आज मेरी मौत का कारण बन गया।ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी।इतना कहकर रावण का गला अवरुद्ध हो गयाऔर उसके प्राण पखेरू उड गये🌹💕🌹💕🌹💕🌹💕🌹*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🙏🙏*सभी भक्त प्रेम से बोलो*(Vnita kasnia)✍️ 🙏"जय श्री राम रामाय नमः 🙏⛳🙏#जय_जय_सिया_राम__🙏⛳🙏#सियावर_रामचन्द्र__की__जय#🙏*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*

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,। 🌹भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है.🌹पत्थर का स्वभाव है डूब जाना, अगर कोई पत्थर का आश्रय लेकर जल में उतरे तो वह भी पत्थर के साथ डूब जाता है। वानर का स्वभाव चीजों को तोड़ने वाला होता है, जोड़नेवाला नहीं। समुद्र स्वभाववश सबकुछ स्वयं में समा लेनेवाला है। नदियों के जल को स्वयं में समा लेनेवाला। वह किसी को कुछ सरलता से कहाँ देनेवाला है! तीनों ने रामकाज के लिए अपने स्वभाव से विपरीत कार्य कियापत्थर पानी में तैरने लग गए, वानरसेना ने सेतु बंधन किया, सागर ने सीना चीरकर मार्ग दिया और स्वयं सेतुबंधन में मदद की।इसी प्रकार जीवन में भी यदि कोई कार्य हमारे स्वभाव से विपरीत हो रहा हो पर वह सबके भले में हो तो जानना चाहिये कि शायद श्रीराम हमारे जीवन में कोई एक और सेतु बंधन कार्य कर रहे है। भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जय सीताराम जी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹,

*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🌹🙏🌹 #जय__श्री__राम_ 🌹🙏🌹🙏🙏#जय__जय__सिया__राम_🙏🙏⛳⛳#जय_पवनपुत्र_हनुमान_ ⛳⛳ *🛕राम राम🚩राम राम🛕* *🛕││राम││🛕* *🛕राम🛕* * 🛕*🌞जय श्री सीताराम सादर सुप्रभात जी🌞┈┉┅━❀꧁आज के अनमोल मोती꧂❀━┅┉┈*समस्याएँ हमारे जीवन मेंबिना किसी वजह के नहीं आती.....**उनका आना एक इशारा है किहमे अपने जीवन में कुछ बदलना है.....*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏*कपड़े से छाना हुआ पानी**स्वास्थ्य को ठीक रखता हैं।*और...**विवेक से छानी हुई वाणी**सबंध को ठीक रखती हैं॥**शब्दो को कोई भी स्पर्श नही कर सकता..*_🙏🙏🙏_*....पर....*_🙏🙏🙏_*शब्द सभी को स्पर्श कर जाते है*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏┈┉┅━❀꧁🙏"जय श्री राम"🙏 ꧂❀━┅┉┈*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🙏🙏*सभी भक्त प्रेम से बोलो*✍️ 🙏"जय श्री राम रामाय नमः 🙏⛳🙏#जय_जय_सिया_राम__🙏⛳🙏#सियावर_रामचन्द्र__की__जय#🙏*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*

🌹 #दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है#और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है🌹By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 #जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो#दुनिया से गिला-शिकवा क्या करना...!!🌹 🌹 #दुनियाँ की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं हैं #खुद को समझ लीजिए #सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा...🌹 बाल वनिता महिला आश्रम ❤️ #जय श्री कृष्णा जय श्री राधे ❤️🌹 #शुभ_प्रभात🌹

🌹 #दुःख में स्वयं की एक अंगुली       आंसू पोंछती है #और सुख में दसो अंगुलियाँ           ताली बजाती है🌹 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 🌹 #जब स्वयं का शरीर ही ऐसा            करता है तो #दुनिया से गिला-शिकवा          क्या करना...!!🌹          🌹 #दुनियाँ की सबसे       अच्छी किताब हम स्वयं हैं       #खुद को समझ लीजिए               #सब समस्याओं का          समाधान हो जाएगा...🌹                                                                                             बाल वनिता महिला आश्रम               ...