अयोध्या राम मंदिर का सच क्या है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबपांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। इस भूमि पूजन के बाद सोशल मीडिया में अनेक तरह की बाते कि गई जिसमें सबसे ज्यादा लोगों ने पूछा की क्या वाकई में अयोध्या में राम मंदिर था।इस विषय में, एक अच्छा रोचक किस्सा मिला, जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का बताया जा रहा है।जो शायद मुश्किल से कोई जनता होगा, पर जानना शायद सबको चाहिए !जरूर पढ़े, और जाने जो कोई मीडिया नहीं बताता, कि SC कि सुनवाई में क्या बात होती थी, और क्या तथ्य पेश होते थे ?राम मंदिर केस पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दो रोचक प्रसंग।पहली घटना-:जज- मस्जिद के नीचे दीवारों के अवशेष मिले हैं। मुस्लिम पक्ष की वकील- वो दीवारें दरगाह की हो सकती हैं।जज- लेकिन आपका मत तो यह है कि मस्जिद खाली जगह पर बनाई गई थी, किसी ढ़ांचे को तोड़कर नहीं।वकील- सन्नाटाजज- एसआईटी की खुदाई में कुछ मूर्तियां मिली हैं।वकील- वो बच्चों के खिलौने भी हो सकते हैं। जज- उनमें "वराह" की मूर्ति भी मिली है जो हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार थे.. क्या मुसलमानो में मूर्ति के साथ खेलने का प्रचलन था.?वकील- घना सन्नाटा..!!दूसरी घटना-:वेदों में श्रीराम तो हैं ही साथ में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का भी सटीक उल्लेख है !!श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप में उपस्थित थे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी … जो विवादित स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि होने के पक्ष में शास्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे।न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा 1 न्यायाधीश व्यक्ति मुसलमान था।उसने छूटते ही चुभता सा सवाल किया, “आपलोग हर बात में वेदों से प्रमाण मांगते हैं, तो क्या वेदों से ही प्रमाण दे सकते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था?जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (जो प्रज्ञाचक्षु हैं) ने बिना एक पल भी गँवाए कहा , ” दे सकता हूँ महोदय”,और उन्होंने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता से उद्धरण देना शुरू किया जिसमें सरयू नदी के स्थानविशेष से दिशा और दूरी का बिल्कुल सटीक ब्यौरा देते हुए श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है । कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मंगाई गई और उसमें जगद्गुरु जी द्वारा निर्दिष्ट संख्या को खोलकर देखा गया और समस्त विवरण सही पाए गए।जिस स्थान पर श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है। विवादित स्थल ठीक उसी स्थान पर है और जगद्गुरु जी के वक्तव्य ने फैसले का रुख हिन्दुओं की तरफ मोड़ दिया।मुसलमान जज ने स्वीकार किया , ” आज मैंने भारतीय प्रज्ञा का चमत्कार देखा … एक व्यक्ति जो भौतिक आँखों से रहित है, कैसे वेदों और शास्त्रों के विशाल वाङ्मय से उद्धरण दिये जा रहा था ? यह ईश्वरीय शक्ति नहीं तो और क्या है ?”जय श्री राम।
What is the truth of Ayodhya Ram temple?
By social worker Vanita Kasani Punjab
On 5 August, Bhoomi worship of Ram temple was done in Ayodhya. After this Bhoomi Poojan, many kinds of things were done on social media, in which most people asked whether there was really a Ram temple in Ayodhya.
In this subject, a good interesting anecdote was found, which is being told of the Supreme Court hearing.
Which will hardly be any public, but everyone should know!
Definitely read, and know that no media tells what was happening in the SC hearing, and what facts were presented?
Two interesting episodes of the Supreme Court hearing on the Ram Temple case.
First Event-:
Judge- The remains of the walls have been found under the mosque. Advocates of the Muslim side - those walls can be of the dargah.
Judge - But your opinion is that the mosque was built in an empty place, not by breaking any structure.
Lawyer - Silence
Some sculptures have been found in the excavation of the judge-SIT.
Lawyer - They can also be children's toys. Judge- They have also found an idol of "Varaha", who according to Hindu belief was an incarnation of Lord Vishnu .. Was there a practice among Muslims to play with the idol?
Lawyer - dense silence .. !!
Second Event-:
There is Shri Ram in the Vedas as well as the exact mention of Shri Ram's birthplace in Ayodhya !!
Dharmachakravarti, the founder of Tulsipith, Padmavibhushan, Jagadguru Rambhadracharyaji, who was present as a litigant in favor of Shri Ram Janmabhoomi… who were being given evidence on the scriptures in favor of Sri Ram Janmabhoomi at the disputed site.
The 1 judge sitting on the judge's chair was a Muslim.
As soon as he left, he asked a stinging question, "If you ask for proof from the Vedas in everything, can you give evidence from the Vedas that Shri Ram was born at that place in Ayodhya?"
Jagadguru Rambhadracharya ji (who is Pragyachakshu), without missing a single moment, said, "I can give sir", and he started quoting from the Rigveda's Geminal Code in which Sriram giving the exact details of the direction and distance from the location of Saryu river The state of the birthplace is stated. A court order called for the Jammu Code and the number specified by Jagadguru was seen in it and all the details were found correct.
The place where the position of Shri Ram Janmabhoomi is stated. The disputed site is in the exact same place and Jagadguru's statement turned the verdict towards Hindus.
The Muslim judge admitted, "Today I saw the miracle of Indian wisdom ... a person who is devoid of material eyes, how was the quotation being given from the huge volume of Vedas and scriptures?" What else is this divine power? "
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