श्री रामचंद्र जी के वनवास जाने के बाद मंथरा का क्या हाल हुआ?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबश्री राम के वनवास जाने के बाद जब भाई भरत और शत्रुघ्न वापस अयोध्या लौटे तब उन्हें पता चला कि पिता श्री नहीं रहे और राम, लक्ष्मण और माता सीता वनवास को चले गए हैं। जब शत्रुघ्न को पता चला कि इसकी जिम्मेदार मंथरा है तब शत्रुघ्न उसके बाल पकड़कर खींचने लगे और उसे मारने लगे इसी बीच माता कौशल्या में आकर बीच-बचाव किया और मंथरा को अलग किया।समय बीतने पर मंथरा को काफी पश्चाताप होता है। वो खुद को एक कमरे में कैद कर लेती है और अपने कर्मो का पश्चाताप कर रोती रहती है।इस दौरान वो 14 साल तक उसी कमरे में बंद रहती है और कभी बाहर नहीं आती।चौदह वर्ष बाद जब राम, मंथरा के द्वार पर आये तब मंथरा भयभीत हो उठी उसे लगा राम मुझे मृत्युदंड देने आये हैं, लेकिन श्री राम ने उन्हें प्रणाम कर के स्वीकार किया।
श्री रामचंद्र जी के वनवास जाने के बाद मंथरा का क्या हाल हुआ?
श्री राम के वनवास जाने के बाद जब भाई भरत और शत्रुघ्न वापस अयोध्या लौटे तब उन्हें पता चला कि पिता श्री नहीं रहे और राम, लक्ष्मण और माता सीता वनवास को चले गए हैं। जब शत्रुघ्न को पता चला कि इसकी जिम्मेदार मंथरा है तब शत्रुघ्न उसके बाल पकड़कर खींचने लगे और उसे मारने लगे इसी बीच माता कौशल्या में आकर बीच-बचाव किया और मंथरा को अलग किया।
समय बीतने पर मंथरा को काफी पश्चाताप होता है। वो खुद को एक कमरे में कैद कर लेती है और अपने कर्मो का पश्चाताप कर रोती रहती है।
इस दौरान वो 14 साल तक उसी कमरे में बंद रहती है और कभी बाहर नहीं आती।
चौदह वर्ष बाद जब राम, मंथरा के द्वार पर आये तब मंथरा भयभीत हो उठी उसे लगा राम मुझे मृत्युदंड देने आये हैं, लेकिन श्री राम ने उन्हें प्रणाम कर के स्वीकार किया।
स्रोत किताबें और विकीपीडिया।
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