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*प्रेमाधीन कृष्ण* By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबकृष्ण का नाम लेते हुए एक गोपी की आँखें बन्द हो गयीं, अश्रुधाराऐं बहने लगीं। कृष्ण ! कृष्ण ! कहते-कहते बेसुध होकर वो कब जमीन पर गिर गयी, उसे मालूम भी न हुआ। इस बेसुधी में कृष्ण कब उसके पास आकर बैठ गये, उसे यह भी पता न चला। थोड़ी देर बाद जब उसकी आँख खुली तो सामने प्रियतम को देखकर हैरान हो गयी। पूछा - "रे कान्हा ! कब आया ?" कृष्ण ने कहा - "यह तो पता नहीं कब आया, पर जब से आया, तुझ ही को एक टक देख रहा हूँ।" गोपी कहती - "हद हो गयी ! हम तेरा दर्शन करें तो समझ लगती है, तू हमें क्यों देखेगा ?"बाल वनिता महिला आश्रम कृष्ण ने कहा - "मैं तुझे नहीं, तेरे इस प्रेम को रोमांच को देख रहा हूँ। तेरी आँखों से बहती हुई प्रेम की अश्रुधाराओं को देख रहा हूँ। मैं तुझे नहीं, तेरे हृदय में प्रकट हुए इस प्रेम रूपी परमात्मा के दर्शन कर रहा हूँ। अरे गोपी ! ऐसा दर्शन तो मुझे भी दुर्लभ होता है।"*💐राधे राधे जी💐* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹

*प्रेमाधीन कृष्ण*
कृष्ण का नाम लेते हुए एक गोपी की आँखें बन्द हो गयीं, अश्रुधाराऐं बहने लगीं। कृष्ण ! कृष्ण ! कहते-कहते बेसुध होकर वो कब जमीन पर गिर गयी, उसे मालूम भी न हुआ। इस बेसुधी में कृष्ण कब उसके पास आकर बैठ गये, उसे यह भी पता न चला।

      थोड़ी देर बाद जब उसकी आँख खुली तो सामने प्रियतम को देखकर हैरान हो गयी। पूछा - "रे कान्हा ! कब आया ?" कृष्ण ने कहा - "यह तो पता नहीं कब आया, पर जब से आया, तुझ ही को एक टक देख रहा हूँ।" गोपी कहती - "हद हो गयी ! हम तेरा दर्शन करें तो समझ लगती है, तू हमें क्यों देखेगा ?"

       कृष्ण ने कहा - "मैं तुझे नहीं, तेरे इस प्रेम को रोमांच को देख रहा हूँ। तेरी आँखों से बहती हुई प्रेम की अश्रुधाराओं को देख रहा हूँ। मैं तुझे नहीं, तेरे हृदय में प्रकट हुए इस प्रेम रूपी परमात्मा के दर्शन कर रहा हूँ। अरे गोपी ! ऐसा दर्शन तो मुझे भी दुर्लभ होता है।"

*💐राधे राधे जी💐*                       
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,। 🌹भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है.🌹पत्थर का स्वभाव है डूब जाना, अगर कोई पत्थर का आश्रय लेकर जल में उतरे तो वह भी पत्थर के साथ डूब जाता है। वानर का स्वभाव चीजों को तोड़ने वाला होता है, जोड़नेवाला नहीं। समुद्र स्वभाववश सबकुछ स्वयं में समा लेनेवाला है। नदियों के जल को स्वयं में समा लेनेवाला। वह किसी को कुछ सरलता से कहाँ देनेवाला है! तीनों ने रामकाज के लिए अपने स्वभाव से विपरीत कार्य कियापत्थर पानी में तैरने लग गए, वानरसेना ने सेतु बंधन किया, सागर ने सीना चीरकर मार्ग दिया और स्वयं सेतुबंधन में मदद की।इसी प्रकार जीवन में भी यदि कोई कार्य हमारे स्वभाव से विपरीत हो रहा हो पर वह सबके भले में हो तो जानना चाहिये कि शायद श्रीराम हमारे जीवन में कोई एक और सेतु बंधन कार्य कर रहे है। भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जय सीताराम जी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹,

*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🌹🙏🌹 #जय__श्री__राम_ 🌹🙏🌹🙏🙏#जय__जय__सिया__राम_🙏🙏⛳⛳#जय_पवनपुत्र_हनुमान_ ⛳⛳ *🛕राम राम🚩राम राम🛕* *🛕││राम││🛕* *🛕राम🛕* * 🛕*🌞जय श्री सीताराम सादर सुप्रभात जी🌞┈┉┅━❀꧁आज के अनमोल मोती꧂❀━┅┉┈*समस्याएँ हमारे जीवन मेंबिना किसी वजह के नहीं आती.....**उनका आना एक इशारा है किहमे अपने जीवन में कुछ बदलना है.....*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏*कपड़े से छाना हुआ पानी**स्वास्थ्य को ठीक रखता हैं।*और...**विवेक से छानी हुई वाणी**सबंध को ठीक रखती हैं॥**शब्दो को कोई भी स्पर्श नही कर सकता..*_🙏🙏🙏_*....पर....*_🙏🙏🙏_*शब्द सभी को स्पर्श कर जाते है*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏┈┉┅━❀꧁🙏"जय श्री राम"🙏 ꧂❀━┅┉┈*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🙏🙏*सभी भक्त प्रेम से बोलो*✍️ 🙏"जय श्री राम रामाय नमः 🙏⛳🙏#जय_जय_सिया_राम__🙏⛳🙏#सियावर_रामचन्द्र__की__जय#🙏*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*

, 💐🙏💐 #जय__श्री__राम_ 💐🙏💐🙏🙏#जय__जय__सिया__राम_🙏🙏 *👏राम राम🚩राम राम👏💐💐राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥👏👏 💐💐सीताराम सीताराम सीताराम कहिये,जाहि विधि राखे राम,ताहि विधि रहिये॥👏👏💐💐मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,तू अकेला नहिं प्यारे, राम तेरे साथ में।विधि का विधान जान हानि लाभ सहियेजाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये॥👏👏💐💐सीताराम सीताराम सीताराम कहिये,जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये।👏👏💐💐किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा,होगा प्यारे वही जो, रामजी को भायेगा।फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये,जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये॥👏👏💐💐सीताराम सीताराम सीताराम कहियेजाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये👏👏💐💐ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के,महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे।धन्यवाद निर्विवाद राम कहते रहिये,जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये॥👏👏💐💐सीताराम सीताराम सीताराम कहियेजाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये👏👏💐💐आशा एक रामजी से, दूजी आशा छोड़ दे,नाता एक रामजी से, दूजे नाते तोड़ दे।साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये,काम रस त्याग प्यारे, राम रस पगिये॥👏👏💐💐सीताराम सीताराम सीताराम कहियेजाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये👏👏💐💐परमेश्वर राम जी की जय हो👏👏🍀💐🍀💐🍀💐🍀🍀💐🍀💐🍀🙏🙏*सभी भक्त प्रेम से बोलो*✍️ 🙏"जय श्री राम रामाय नमः 🙏