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**राम से बड़ा राम का नाम माना क्यों माना जाता है. यह कहानी इस वाक्य को सिद्ध करती है.**By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब हनुमान जी श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्या हुआ कि श्री राम को हनुमान जी को मृत्युदंड देना पडा़.कहा जाता है कि जब श्री राम अयोध्या के राजा बने तो उन की सभा में बहस हुई की #राम बडे़ या फिर राम का नाम बड़ा. नारद जी कहते थे कि" राम का नाम बड़ा" और बाकी सभी सभा जन कहते थे कि" राम बड़े " अपने वचन को सिद्ध करने के लिए नारद जी ने एक युक्ति लगाई . जब हनुमान जी सभा में आए उन्होंने हनुमान जी को सभी ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने के लिए कहा लेकिन महाराज जी विश्वामित्र के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया इसलिए उन्होंने प्रणाम नहीं किया.उधर #विश्वामित्र जी को जाकर बोल दिया, "हनुमान ने आपको प्रणाम नहीं किया. उन्होंने आपका अपमान किया है." विश्वामित्र जी ने श्री राम से कहा कि हनुमान ने मेरा अपमान किया है. इसे मृत्यु दंड दे दो. जब हनुमान जी को पता लगा कि श्री राम जी उन्हें मृत्यु दंड देने वाले हैं तो वह एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गए. और राम राम की धुन जपने लगे. राम नाम रटते रटते उनका ध्यान लग गया. जब श्री राम जी वहां पहुंचे तो उन्होंने हनुमान जी पर बहुत से तीर चलाए पर हनुमान जी का एक बाल भी बांका नहीं हुआ. लेकिन अपने गुरु की आज्ञा को पूरा करने के लिए राम जी ने उन पर ब्रह्मास्त्र भी चलाया लेकिन वह भी विफल हो गया.ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि #हनुमान जी लगातार राम राम जप रहे थे. ऋषि विशिष्ट ने फिर ऋषि विश्वामित्र से कहा कि आप राम को इस धर्म संकट से निकाल दो.हनुमान राम राम रट रहे हैं. इसलिए हनुमान का एक बाल भी बांका नहीं हो रहा .उधर श्री राम अपने गुरु की आज्ञा पूरी ना कर पाने के कारण परेशान थे . फिर विश्वामित्र ने श्री राम को अपने वचन से मुक्त कर दिया .फिर नारद जी ने बताया कि हनुमान नेेे ऋषि विश्वामित्र का अपमान नहीं किया .मैंने जानबूझ कर उन्हें #ऋषि विश्वामित्र के बारे में बताया ही नहीं था .क्योंकि मैं सिद्ध करना चाहता था कि राम से बड़ा राम का नाम है ,और इस बात को राम भक्त हनुमान से बढ़कर और कौन सिद्ध सकता है. जो राम नाम जपते हैं उनका कोई बुरा नहीं कर सकता.**उस दिन सिद्ध हो गया राम से बड़ा राम का नाम है । **

**राम से बड़ा राम का नाम माना क्यों माना जाता है. यह कहानी इस वाक्य को सिद्ध करती है.**

By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब 

हनुमान जी श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्या हुआ कि श्री राम को हनुमान जी को मृत्युदंड देना पडा़.

कहा जाता है कि जब श्री राम अयोध्या के राजा बने तो उन की सभा में बहस हुई की #राम बडे़ या फिर राम का नाम बड़ा.  

नारद जी कहते थे कि" राम का नाम बड़ा" और बाकी सभी सभा जन कहते थे कि" राम बड़े " अपने वचन को सिद्ध करने के लिए नारद जी ने एक युक्ति लगाई . जब हनुमान जी सभा में आए उन्होंने हनुमान जी को सभी ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने के लिए कहा लेकिन महाराज जी विश्वामित्र के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया इसलिए उन्होंने प्रणाम नहीं किया.

उधर #विश्वामित्र जी को जाकर बोल दिया, "हनुमान ने आपको प्रणाम नहीं किया. उन्होंने आपका अपमान किया है." विश्वामित्र जी ने श्री राम से कहा कि हनुमान ने मेरा अपमान किया है. इसे मृत्यु दंड दे दो. 

जब हनुमान जी को पता लगा कि श्री राम जी उन्हें मृत्यु दंड देने वाले हैं तो वह एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गए. और राम राम की धुन जपने लगे. राम नाम रटते रटते उनका ध्यान लग गया. 

जब श्री राम जी वहां पहुंचे तो उन्होंने हनुमान जी पर बहुत से तीर चलाए पर हनुमान जी का एक बाल भी बांका नहीं हुआ. लेकिन अपने गुरु की आज्ञा को पूरा करने के लिए राम जी ने उन पर ब्रह्मास्त्र भी चलाया लेकिन वह भी विफल हो गया.

ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि #हनुमान जी लगातार राम राम जप रहे थे. ऋषि विशिष्ट ने फिर ऋषि विश्वामित्र से कहा कि आप राम को इस धर्म संकट से निकाल दो.हनुमान राम राम रट रहे हैं. इसलिए हनुमान का एक बाल भी बांका नहीं हो रहा .

उधर श्री राम अपने गुरु की आज्ञा पूरी ना कर पाने के कारण परेशान थे . फिर विश्वामित्र ने श्री राम को अपने वचन से मुक्त कर दिया .फिर नारद जी ने बताया कि हनुमान नेेे ऋषि विश्वामित्र का अपमान नहीं किया .

मैंने जानबूझ कर उन्हें #ऋषि विश्वामित्र के बारे में बताया ही नहीं था .क्योंकि मैं सिद्ध करना चाहता था कि राम से बड़ा राम का नाम है ,और इस बात को राम भक्त हनुमान से बढ़कर और कौन सिद्ध सकता है. जो राम नाम जपते हैं उनका कोई बुरा नहीं कर सकता.

**उस दिन सिद्ध हो गया राम से बड़ा राम का नाम है । **

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,। 🌹भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है.🌹पत्थर का स्वभाव है डूब जाना, अगर कोई पत्थर का आश्रय लेकर जल में उतरे तो वह भी पत्थर के साथ डूब जाता है। वानर का स्वभाव चीजों को तोड़ने वाला होता है, जोड़नेवाला नहीं। समुद्र स्वभाववश सबकुछ स्वयं में समा लेनेवाला है। नदियों के जल को स्वयं में समा लेनेवाला। वह किसी को कुछ सरलता से कहाँ देनेवाला है! तीनों ने रामकाज के लिए अपने स्वभाव से विपरीत कार्य कियापत्थर पानी में तैरने लग गए, वानरसेना ने सेतु बंधन किया, सागर ने सीना चीरकर मार्ग दिया और स्वयं सेतुबंधन में मदद की।इसी प्रकार जीवन में भी यदि कोई कार्य हमारे स्वभाव से विपरीत हो रहा हो पर वह सबके भले में हो तो जानना चाहिये कि शायद श्रीराम हमारे जीवन में कोई एक और सेतु बंधन कार्य कर रहे है। भगवान का हर विधान मंगलकारी होता है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जय सीताराम जी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹,

*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🌹🙏🌹 #जय__श्री__राम_ 🌹🙏🌹🙏🙏#जय__जय__सिया__राम_🙏🙏⛳⛳#जय_पवनपुत्र_हनुमान_ ⛳⛳ *🛕राम राम🚩राम राम🛕* *🛕││राम││🛕* *🛕राम🛕* * 🛕*🌞जय श्री सीताराम सादर सुप्रभात जी🌞┈┉┅━❀꧁आज के अनमोल मोती꧂❀━┅┉┈*समस्याएँ हमारे जीवन मेंबिना किसी वजह के नहीं आती.....**उनका आना एक इशारा है किहमे अपने जीवन में कुछ बदलना है.....*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏*कपड़े से छाना हुआ पानी**स्वास्थ्य को ठीक रखता हैं।*और...**विवेक से छानी हुई वाणी**सबंध को ठीक रखती हैं॥**शब्दो को कोई भी स्पर्श नही कर सकता..*_🙏🙏🙏_*....पर....*_🙏🙏🙏_*शब्द सभी को स्पर्श कर जाते है*🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏┈┉┅━❀꧁🙏"जय श्री राम"🙏 ꧂❀━┅┉┈*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*🙏🙏*सभी भक्त प्रेम से बोलो*✍️ 🙏"जय श्री राम रामाय नमः 🙏⛳🙏#जय_जय_सिया_राम__🙏⛳🙏#सियावर_रामचन्द्र__की__जय#🙏*ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ*

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🌹 #दुःख में स्वयं की एक अंगुली       आंसू पोंछती है #और सुख में दसो अंगुलियाँ           ताली बजाती है🌹 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब 🌹 #जब स्वयं का शरीर ही ऐसा            करता है तो #दुनिया से गिला-शिकवा          क्या करना...!!🌹          🌹 #दुनियाँ की सबसे       अच्छी किताब हम स्वयं हैं       #खुद को समझ लीजिए               #सब समस्याओं का          समाधान हो जाएगा...🌹                                                                                             बाल वनिता महिला आश्रम               ...