"मधुमास"By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबये ऋतुराज मनुष्य तो क्या देवताओं तक को उन्मत्त बना देता है । ऐसे ही एक समय पार्वती जी और भगवान शंकर के बीच एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न हो गया ......भस्म लगावत शंकर को, अहि लोचन मध्य परौ झरि कै,ताकी फुंफकार लगी शशि को,अमृत बूंद गिरौ चिरि कै,मृगराज सजीवन होई गयो गौरां जो हंसी मुख आँचल दै!अर्थात् ..... पार्वती जी भगवान शंकर के मस्तक पर भभूत लगा रही थीं । तब थोड़ा सा भभूत झड़ कर शिव जी के वक्ष पर लिपटे हुये नागराज की आँखों में गिरा। आँख में भभूत गिरने से नागराज ने फुँफकारा और उसकी फुँफकार शंकर जी के माथे पर स्थित चन्द्रमा को लगी, जिसके कारण चन्द्रमा काँप गया तथा उसके काँपने के कारण उसके भीतर से अमृत की एक बूँद छलक कर गिरी। अमृत गिरते ही वो मृगराज सजीव होकर चल दिया, जिसकी छाल शंकरजी लपेटे हुए थे। भगवान को इस तरह निर्वस्त्र देख माता गौरी मुस्करा दीं।आप सभी स्नेही एवं आदरणीय मित्रों को सादर नमन सुप्रभात 🌹 शुभ सोमवारआपका दिन मंगलमय होदेवाधिदेव भगवान भूतभावन अवंतिकानाथ बाबा महाकालेश्वर आशुतोष सदाशिव की कृपा आप परसदैव बनी रहे।बाल वनिता महिला आश्रमउमापति महादेव की जय उमामहेश्वरचरणकयलेभ्यो नमः 🌹
"मधुमास"
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
ये ऋतुराज मनुष्य तो क्या देवताओं तक को उन्मत्त बना देता है । ऐसे ही एक समय पार्वती जी और भगवान शंकर के बीच एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न हो गया ......
भस्म लगावत शंकर को,
अहि लोचन मध्य परौ झरि कै,
ताकी फुंफकार लगी शशि को,
अमृत बूंद गिरौ चिरि कै,
मृगराज सजीवन होई गयो
गौरां जो हंसी मुख आँचल दै!
अर्थात् ..... पार्वती जी भगवान शंकर के मस्तक पर भभूत लगा रही थीं । तब थोड़ा सा भभूत झड़ कर शिव जी के वक्ष पर लिपटे हुये नागराज की आँखों में गिरा। आँख में भभूत गिरने से नागराज ने फुँफकारा और उसकी फुँफकार शंकर जी के माथे पर स्थित चन्द्रमा को लगी, जिसके कारण चन्द्रमा काँप गया तथा उसके काँपने के कारण उसके भीतर से अमृत की एक बूँद छलक कर गिरी। अमृत गिरते ही वो मृगराज सजीव होकर चल दिया, जिसकी छाल शंकरजी लपेटे हुए थे। भगवान को इस तरह निर्वस्त्र देख माता गौरी मुस्करा दीं।
आप सभी स्नेही एवं आदरणीय मित्रों को सादर नमन सुप्रभात 🌹 शुभ सोमवार
आपका दिन मंगलमय हो
देवाधिदेव भगवान भूतभावन अवंतिकानाथ बाबा महाकालेश्वर आशुतोष सदाशिव की कृपा आप पर
सदैव बनी रहे।
उमापति महादेव की जय
उमामहेश्वरचरणकयलेभ्यो नमः 🌹
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